RDG account: रिटेल निवेशकों को मिली नई सुविधा; जानिए कैसे खुलेगा अकाउंट, क्या है निवेश का तरीका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 12 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिटेल डायरेक्ट स्कीम लॉन्च किया.
(Image: ANI)
(Image: ANI)
RDG Account: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 12 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिटेल डायरेक्ट स्कीम लॉन्च किया. इस स्कीम को लाने का मकसद गवर्नमेंट सिक्योरिटीज (Government Securities) में रिटेल पार्टिसिपेशन बढ़ाना है. रिटेल निवेशकों (Retail Investors) के लिए सरकारी सिक्योरिटीज (G-Sec) को खरीदना आसान हो जाएगा. स्कीम के तहत रिटेल इन्वेस्टर्स को प्राइमेरी और सेकेंडरी दोनों गवर्नमेंट सिक्योरिटीज मार्केट का ऑनलाइन एक्सेस मिल सकेगा.
RDG अकाउंट कैसे खुलेगा
रिटेल निवेशक वेबसाइट https://rbiretaildirect.in/#/login/ पर लॉगइन कर आसानी से अकाउंट खोल सकते हैं. रजिस्टर्ड नंबर पर OTP और सेविंग अकाउंट को लिंक कर RDG अकाउंट खुल जाएगा.
RDG अकाउंट पर कितनी फीस
RDG के अंतर्गत रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट को खोलने और मेंटेन करने के लिए आरबीआई (RBI) किसी भी तरह की फीस या चार्ज नहीं लेगा. प्राइमरी ऑक्शन में बोली लगाने के लिए भी किसी भी तरह का चार्ज या शुल्क नहीं वसूला जाएगा. वहीं, पेमेंट गेटवे का शुल्क रजिस्टर्ड निवेशक की ओर से वहन किया जाएगा.
कौन खोल सकता है अकाउंट
TRENDING NOW
RDG अकाउंट खोलने के लिए रिटेल निवेशकों के लिए एलिजिबिलिटी तय की गई है. ऐसे रिटेल निवेशकों का भारत में मौजूद सेविंग अकाउंट होना चाहिए. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से जारी किया गया परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN), KYC से जुड़ा कोई भी आधिकारिक दस्तावेज, वैलिड ईमेल आईडी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर होना जरूरी है. RDG अकाउंट सिंगल या जॉइंट अकाउंट होल्डर के रूप में खोला जा सकता है.
नॉमिनेशन की सुविधा
RDG अकाउंट के अंतर्गत दो नॉमिनी की सुविधा होगी. अकाउंट होल्डर की मृत्यु पर RDG अकाउंट में मौजूद सिक्योरिटी स्कोर किसी दूसरे RDG account में ट्रांसफर की जा सकती है. रिटेल निवेशक RDG अकाउंट में मौजूद सिक्योरिटी किसी दूसरे रिटेल निवेशक को RDG अकाउंट में मौजूद सिक्योरिटी गिफ्ट भी कर सकता है. NRI रिटेल निवेशक FEMA नियमों के अंतर्गत ही सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं.
निवेश की प्रक्रिया
प्राइमरी मार्केट में सरकारी सिक्योरिटी के ऑक्शन की सामान्य प्रक्रिया है. एक सिक्योरिटी से जुड़ी एक ही बोली लगाने की मंजूरी है. UPI और लिंक्ड बैंक अकाउंट से पेमेंट किया जा सकता है. लिंक्ड बैंक अकाउंट में ही रिफंड भी किया जाएगा. अलॉट हुई सिक्योरिटी निवेशक के RDG अकाउंट में सेटलमेंट के दिन क्रेडिट की जाएगी. रजिस्टर्ड निवेशक सेकेंडरी मार्केट ट्रांजैक्शन के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आसानी से सरकारी सिक्योरिटीज खरीद या बेच सकते हैं.
Zee Business Hindi Live यहां देखें
क्या है RBI की ये नई स्कीम?
RBI की रिटेल डायरेक्ट स्कीम का ऐलान 5 फरवरी 2021 में गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने किया था. शक्तिकांत दास ने इसे अहम स्ट्रक्चरल सुधार बताया था. स्कीम से रीटेल निवेशकों की सरकारी सिक्योरिटीज मार्केट तक पहुंच आसान हो जाएगी. वहीं, रीटेल निवेशक अब मुफ्त में RBI में अपना सरकारी सिक्योरिटीज अकाउंट (रिटेल डायरेक्ट गिल्ट अकाउंट- RDG) खोल सकते हैं.
सरकारी सिक्योरिटीज होती क्या हैं?
सरकारी सिक्योरिटीज या गवर्नमेंट सिक्योरिटीज को सरकार की तरफ से जारी किया जाता है. इन्हें G-Sec भी कहते हैं. RBI के मुताबिक, सरकारी सिक्योरिटी, केंद्र सरकार या राज्य सरकारें जारी करती हैं और इसमें ट्रेडिंग की जाती है. फंड जुटाने के लिए इन्हें जारी किया जाता है. ट्रेजरी बिल और डेट सिक्टोरिटी के रूप में इन्हें जारी किया जाता है. ट्रेजरी बिल 91 दिनों, 182 दिनों और 364 दिनों के लिए जारी किए जाते हैं. वहीं, डेट सिक्योरिटी 5 से 40 सालों तक के लिए जारी किए जाते हैं.
04:10 PM IST